लॉक डाउन के दौरान किसी को कोई बीमारी हो जाए तो काफी परेशानी हो जाती है. इसके लिए पहले से कुछ तैयारी रखें तो इस परेशानी को कम किया जा सकता है. अपने फैमिली डाक्टर से सलाह करके कुछ दवाएं अपने पास रखनी चाहिए. बीमार पड़ने पर भरसक प्रयास करना चाहिए कि किसी डाक्टर को दिखा कर ही दवा लें पर यदि तुरंत कोई डाक्टर उप्लब्ध न हो तो डाक्टर के मिलने तक निम्न लिखित प्राथमिक चिकित्सा कर सकते हैं. इन में से जो दवाएं OTC (ओवर द काउंटर) कैटेगरी में आती हैं उन्हें तो आप कभी भी ले सकते हैं लेकिन जो दवाएं इस कैटेगरी में नहीं आती हैं (जैसे एंटीबायोटिक्स, ब्लडप्रेशर व डायबिटीज की दवाएं, टीबी की दवाएं आदि) उन्हें अपने फैमिली डॉक्टर से पूछ कर ही लेना चाहिए.
- यदि किसी को उल्टियाँ हों तो Tab. Vomikind MD (Emset) दिन में तीन बार खाने के पहले ले सकते हैं.
- जिन लोगों को एसिडिटी की शिकायत हो वे Tab. Zinetac 150 सुबह शाम एवं Ulgel या Digene का सिरप या गोलियाँ ले सकते हैं.
- दस्त होने पर Tab. Rifaximine 400 दिन में तीन बार लें. यदि दस्त के साथ में पेट दर्द, मरोड़, बुखार आदि भी हों तो Tab. Ofloxacin 200 दिन में दो बार ले सकते हैं (फैमिली डॉक्टर से पूछ कर). एकदम पानी की तरह दस्त हों तो Tab. Ridol (Lopamide) केवल एक गोली ले सकते हैं.
- जिन लोगों को कब्ज़ की शिकायत है वे दूध में मुनक्का उबाल कर लें या इसबगोल को गुनगुने पानी में डाल कर शाम को छह बजे लें. अधिक कब्ज़ होने पर Tab. Dulcoflex एक गोली ले सकते हैं.
- बुखार होने पर या बदन दर्द होने पर Tab. Paracetamol 500 की गोली हर चार या छै घंटे बाद ले सकते हैं.
- कहीं भी तेज दर्द होने पर Tab. Ketorol DT पानी में घोल कर लें.
- जुकाम के लिए Tab. Allercet Cold या Cheston cold (1/2 या 1 गोली) दिन में तीन बार ले सकते हैं. सूखी खांसी के लिए कोई भी कफ़ सिरप ( जैसे Benadryl cough syrup, Asthakind DX या lozenges (जैसे Alex आदि) दिन में तीन बार ले सकते हैं.
- स्किन एलर्जी (पित्ती आदि) होने पर Tab. Cetrizine या Levocetrizine ले सकते हैं.
- गले के इन्फेक्शन, बलगम वाली खांसी या छोटे मोटे खाल के इन्फेक्शन के लिए Tab. Cefixime 200 सुबह शाम ले सकते हैं (फैमिली डॉक्टर से पूछ कर).
- छोटी मोटी खरोंच लग जाने पर उसे Spirit या आफ़्टर शेव लोशन से साफ़ करें व ऊपर से बैंड एड लगा दें. लोशन उपलब्ध न होने पर साबुन व पानी से धो लें. अगर Dettol liquid इस्तेमाल करें तो उस में साफ़ पानी अवश्य मिला लें.
- जहां तक हो सके एक्वागार्ड, आर ओ का पानी या मिनरल वाटर का प्रयोग करें. यदि ये उपलब्ध न हो तो पानी उबाल कर पिएं. यदि वह भी न हो पाए तो गहरी खुदाई वाले सरकारी नल या ट्यूब वैल का पानी पिएं.
- खाना वही खाएं जो ताजा बना हो व एक दम गर्म हो. चटनी, सलाद, लस्सी , मिल्क शेक आदि चीजों से बचें. बाज़ार की चाट और जूस बिलकुल न लें. आजकल अधिकतर स्थानों पर कीटाणु रहित दूध व दही के पैकेट मिल जाते हैं जिन से इन्फेक्शन का डर नहीं होता. फलों में केला, संतरा, पपीता, खरबूजा, मूंगफली सुरक्षित हैं क्योंकि इनका छिलका उतारने के बाद ये कीटाणु रहित होते हैं. साबुत खाए जाने वाले फलों जैसे अंगूर, जामुन, अमरुद, ककड़ी आदि व गाजर, मूली, बंदगोभी आदि के सलाद से इन्फैक्शन हो सकता है. (इनकी सब्जी बना कर खा सकते हैं).
जो लोग डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हृदय रोग की नियमित दवाएं खा रहे हैं उन्हें यह दवाएं खाते रहना चाहिए. ऐन्जाइना के मरीजों को Sorbitrate 5 mg की गोली अपने साथ रखनी चाहिए. डायबिटीज के मरीजों के लिए आवश्यक है कि वे बंद के दौरान भी अपना भोजन समय से करते रहें. उन्हें अपने साथ थोडा ग्लूकोज भी रखना चाहिए. जिसको शुगर कम होने की दशा में वे ले सकते हैं. यदि वे शुगर नापने वाला ग्लूकोमीटर साथ रखें तो बहुत अच्छा रहता है.
जिन लोगों को सांस की परेशानी है उन्हें अपनी दवाएं व इन्हेलर्स नियमित रूप से लेते रहना चाहिए और अपने डॉक्टर से पूछ कर कुछ अतिरिक्त दवाएं अपने साथ रखना चाहिए जिन्हें परेशानी होने पर लिया जा सके.
जिन लोगों को टीबी या अन्य कोई भी लम्बे समय तक चलने वाली बीमारी है उन्हें अपनी दवाएं लेते रहना चाहिए और जब भी हो सके डॉक्टर से परामर्श कर लेना चाहिए.
कुछ लोगों को घबराहट की बीमारी होती है. बंद के दौरान यदि किसी को घबराहट शुरू हो जाय तो इस डर के कारण घबराहट बढती जाती है की अभी हमें डाक्टर कैसे मिलेगा. इस प्रकार के मरीजों को अपने डाक्टर से लिखवा कर घबराहट की कोई दवा अपने साथ जरूर रखनी चाहिए. डा. शरद अग्रवाल एम डी