Blog
सेनाइल परप्यूरा (Senile Purpura) – बुढ़ापे में त्वचा पर पड़ने वाले नीले-बैंगनी निशान

Senile Purpura एक कॉमन परेशानी है जो मुख्यतः बुज़ुर्गों (60 वर्ष से ऊपर) में देखी जाती है। इसमें त्वचा पर नीले या बैंगनी रंग के चकत्ते या धब्बे बन जाते हैं, जो कई बार बिना चोट लगे ही बनते हैं। यह कोई खतरनाक बीमारी नहीं है, लेकिन कई बार लोग इसे देखकर घबरा जाते हैं।
Senile Purpura क्यों होता है?
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, त्वचा पतली और नाजुक हो जाती है। त्वचा के नीचे की छोटी रक्त नलिकाएं (capillaries) भी कमजोर हो जाती हैं। थोड़े से दबाव या हल्की सी ठेस से भी ये कैपिलरीज़ फट सकती हैं, जिससे थोड़ा सा खून त्वचा के नीचे रिस जाता है और नीले-नीले धब्बे दिखने लगते हैं। एक दो सप्ताह में ये धब्बे हलके हो कर मिट जाते हैं लेकिन अक्सर कुछ समय बाद दूसरे स्थान पर बन जाते हैं। सूर्य की किरणों के त्वचा पर पड़ने से त्वचा कमजोर हो जाती है, जिससे इसकी संभावना बढ़ जाती है इस लिए इसे Actinic Purpura भी कहते हैं।
मुख्य कारण:
- बुज़ुर्गों की त्वचा में कोलेजन (Collagen) की कमी
- धूप (Sun Exposure) से त्वचा की क्षति
- आयु बढ़ने के साथ रक्त नलिकाओं (कैपिलरीज़) की कमजोरी
- रक्त को पतला करने वाली दवाओं (जैसे Aspirin, Warfarin आदि) का प्रभाव
- लंबे समय तक steroid दवाओं का प्रयोग करने से इनकी संभावना बढ़ जाती है
लक्षण:
- हाथों, भुजाओं, पैरों पर बैंगनी या नीले चकत्ते
- आमतौर पर दर्द रहित
- बिना किसी चोट के भी उभर सकते हैं
- कुछ हफ्तों में खुद-ब-खुद ठीक हो जाते हैं
- विटामिन सी की कमी से यह समस्या बढ़ सकती है
Senile Purpura कैंसर या खून की गंभीर बीमारी नहीं है।
लेकिन अगर धब्बे बहुत जल्दी जल्दी बार-बार आएं, बहुत बड़ी संख्या में हों, या उनसे खून/मवाद निकले, तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।
इलाज क्या है?
इस स्थिति का कोई विशेष इलाज जरूरी नहीं होता, लेकिन कुछ उपाय लाभदायक हो सकते हैं:
✅ त्वचा को मॉइश्चराइज़ रखें
✅ धूप से बचें, बाहर निकलते समय कपड़ों से हाथ ढकें
✅ त्वचा पर चोट से बचाव करें, मालिश न करें
✅ सख्त साबुन या स्क्रब का प्रयोग न करें
✅ यदि आप कोई दवा ले रहे हैं, तो डॉक्टर से पूछें कि उसका असर तो नहीं है. विटामिन सी लेने से कुछ लाभ हो सकता है
रोग प्रतिरोधक त्वचा के लिए सुझाव:
- विटामिन C और विटामिन K युक्त आहार लें
- भरपूर पानी पिएं
- उम्र के अनुसार त्वचा की देखभाल करें
♀️ निष्कर्ष:
Senile Purpura कोई गंभीर रोग नहीं है, बल्कि उम्र के साथ त्वचा में आने वाले बदलाव का सामान्य हिस्सा है। सावधानी, सही जानकारी और देखभाल से इससे कुछ हद तक बचाव संभव है। जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से जांच करवा लेना उचित होता है।
डॉ. शरद अग्रवाल एम. डी.