बाहों के अगले हिस्से में कत्थई बैंगनी दाग पड़ना एक बहुत आम परेशानी है जो कि आयु बढ़ने के साथ-साथ बहुत से लोगों को होती है. इसमें बाहों के अगले हिस्से में गहरे कत्थई बैंगनी चकत्ते बन जाते हैं, जोकि एक दो सप्ताह में हल्के पड़ कर गायब हो जाते हैं. आयु बढ़ाने के साथ यह परेशानी किसी को भी हो सकती है लेकिन जिन लोगों का धूप से एक्स्पोज़र अधिक है उनमें यह अधिक होती है. जो लोग स्टेरॉयड दवाएं ले रहे होते हैं उनमें भी इसकी संभावना बढ़ जाती है.
कारण : आयु बढ़ने के साथ (विशेषकर धूप में रहने से) बाहों और हाथों की त्वचा पतली हो जाती है और उसके नीचे स्थित खून की बारीक कैपिलरीज कमजोर हो जाती हैं. रोजमर्रा के कामों में बहुत मामूली सी चोट (जिस पर हमारा ध्यान भी नहीं जाता) लगने से या त्वचा पर खिंचाव पड़ने से ये कैपिलरीज टूट जाती हैं. उनसे निकलने वाला एकाध बूंद खून त्वचा के नीचे नीचे फैल कर टेढ़े-मेढ़े चकत्ते का रूप धारण कर लेता है. धीरे-धीरे रक्त की कोशिकाएं वहां से हट जाती हैं और यह चकत्ते क्लियर हो जाते हैं. कुछ समय बाद यह किसी दूसरे स्थान पर बन सकते हैं.
उपचार : इस परेशानी के लिए कोई विशेष दवा नहीं है. जो लोग स्टेरॉयड दवाई ले रहे होते हैं उनको यह सलाह दी जाती है कि वे अपने डॉक्टर से सलाह ले कर स्टेरॉयड दवाओं को बंद कर दें या उन्हें कम से कम डोज़ में लें. धूप के एक्सपोजर से बचने पर भी इसकी संभावना को कम किया जा सकता है.