प्रश्न : यदि हमें कोई बीमारी है तो हमें किस विशेषज्ञ (specialist) को दिखाना चाहिए?
उत्तर : यदि आपको स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी है तो आप को पहले अपने फैमिली डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए. आपका फैमिली डॉक्टर केवल डॉक्टर ही नहीं आपका हितेषी व मार्गदर्शक भी है. वह आपके व आपके परिवार के विषय में ऐसी बहुत सी बातें जानता है जिनका आप की बीमारी से संबंध हो सकता है. सामान्य बीमारियों का इलाज वह स्वयं कर सकता है. यदि वह किसी विशेषज्ञ से परामर्श की आवश्यकता समझता है तो वह आपको इस विषय में उचित सलाह देता है. किस बीमारी का इलाज किस ब्रांच के विशेषज्ञ को करना चाहिए यह बताने के साथ आपका फैमिली डॉक्टर यह भी बताता है कि कौन डॉक्टर सही मायनों में योग्य व इमानदार है.
सामान्य लोग यह गलती करते हैं कि वे कोई परेशानी होने पर स्वयं ही किसी विशेषज्ञ के पास चले जाते हैं. इससे यह नुकसान होता है कि अक्सर वे गलत विशेषज्ञ चुन लेते हैं. उदाहरण के तौर पर सीने में दर्द हृदय रोग, एसिडिटी, निमोनिया, प्लूरिसी, हड्डी की खराबी व अन्य कई कारणों से हो सकता है. इसी प्रकार पेट का या सिर का दर्द कई कारण से हो सकता है. शरीर में सूजन हृदय रोग, जिगर व गुर्दा रोग, खून की कमी, थायरोइड रोग या अन्य कारणों से भी हो सकती है. यदि कोई मरीज सीधे किसी विशेषज्ञ को दिखाना चाहता है तो उसके लिए यह तय करना बहुत कठिन है कि उसे किस विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए.
इसके अतिरिक्त कुछ विशेषज्ञ सही प्रैक्टिस करते हैं व अपनी ब्रांच तक ही सीमित रहते हैं. वे किसी अन्य बीमारी के मरीज़ को स्वयं नहीं देखते व उसे किसको दिखाना चाहिए ऐसा बता देते हैं. कुछ विशेषज्ञ ऐसे भी हैं जो हर मरीज़ का इलाज खुद करने लगते हैं चाहें वह उनसे सम्बंधित हो या न हो. ऐसा इलाज मरीज़ को बहुत महंगा पड़ता है और खतरनाक भी हो सकता है.
जिन लोगों को लम्बे समय तक चलने वाली बीमारियां (chronic illnesses) जैसे ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हृदय रोग, एसिडिटी, जोड़ों का दर्द, जिगर या गुरदों की बीमारी इत्यादि हो उनको किसी फिज़ीशियन की देखरेख में रहना चाहिए और यदि कोई परेशानी हो तो अपने फिज़ीशियन से पूछ कर ही किसी और डॉक्टर को दिखाना चाहिए. उन्हें कोई भी दवा चाहे वह खांसी, जुकाम, दर्द की कॉमन दवा हो या किसी अन्य विशेषज्ञ की लिखी हुई कोई दवा हो, अपने फिज़ीशियन से पूछकर ही खाना चाहिए. क्योंकि किसी एक ब्रांच का विशेषज्ञ केवल उसी से सम्बंधित परेशानी पर अपना ध्यान केंद्रित करता है इसलिए उसकी दवा शरीर के अन्य सिस्टम्स को हानि पहुंचा सकती है. फिज़ीशियन मरीज का संपूर्ण रुप से इलाज करता है. वह सभी प्रकार की बीमारियों के लक्षण एवं दवाओं के इफेक्ट्स और साइड इफेक्ट्स को समझ कर उन में समन्वय (coordination) करता है.
उदाहरण के तौर पर किसी मरीज को ब्लड प्रेशर व अल्सर की शिकायत है, साथ में उसको जोड़ों में दर्द होने लगता है. उसका फिज़ीशियन यह जानता है कि उस को दर्द की तेज दवाएं बहुत नुकसान करेंगी इसलिए वह दर्द की बहुत हल्की दवाएं देता है और मरीज को समझाता है कि वह दर्द को सहन करे एवं सिकाई व मलने की दवाओ इत्यादि से काम चलाए. मरीज को आराम नहीं होता तो वह हड्डी के डॉक्टर के पास चला जाता है. वह उसे तेज दर्द निवारक दवाएं देता है जिनसे उसका दर्द तो कम हो जाता है पर उसका ब्लड प्रेशर काफी बढ़ जाता है और अल्सर के कारण उसे खून की उल्टियां होने लगती हैं. यदि किसी मरीज़ को गुर्दे की हलकी सी परेशानी है तो उसका फिज़ीशियन यह जानता है कि उसके लिए कौन सी दवाएं सुरक्षित हैं. जिन डॉक्टरों को इस बात की जानकारी नहीं होती वे दर्द की दवाएं, स्टेरॉयड दवाएं, गुर्दे को नुकसान करने वाली एंटीबायोटिक्स आदि दे देते हैं. इस प्रकार की परेशानियों से तभी बचा जा सकता है जब इस प्रकार का मरीज फिजीशियन की देखरेख में अन्य डाक्टरों की दवा खाए.
किस परेशानी में किस विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए इसके लिए कुछ सामान्य सुझाव –
- सीने में दर्द, पेट दर्द, बुखार, उल्टी दस्त, गैस एसिडिटी, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, मूत्र रोग, यौन रोग, पीलिया, खून की कमी, सूजन, थायराइड रोग – फिज़ीशियन
- जोड़ों में दर्द – फिज़ीशियन, रुमेटोलोजिस्ट
- कमर दर्द, सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस, शियाटिका – फिज़ीशियन, हड्डी के डॉक्टर, न्यूरोलॉजिस्ट
- सांस व फेफड़ों के रोग, सभी प्रकार के टीबी के इन्फेक्शन – फिज़ीशियन, चेस्ट स्पेशलिस्ट
- हृदय रोग – हृदय रोग विशेषज्ञ, फिज़ीशियन
- सर दर्द, फालिस, नसों का दर्द, सुन्नपन, मिर्गी, मस्तिक ज्वर, बेहोशी – न्यूरोलॉजिस्ट, फिज़ीशियन
- कान में दर्द, कान बहना, बहरापन, नक्सीर, टॉन्सिल, आवाज बैठना – नाक कान गला विशेषज्ञ
- गंभीर चोटें – सर्जन, हड्डी के डॉक्टर
- त्वचा रोग जैसे एक्जिमा, सफ़ेद दाग, सोरियासिस, एलर्जी व त्वचा के गंभीर रोग – त्वचा रोग विशेषज्ञ
- खुजली, पित्ती, हरपीस, चिकेन पॉक्स, बुखार या जोड़ दर्द के साथ त्वचा में कोई परेशानी – फिज़ीशियन
- फ्रैक्चर, मोच, हड्डी के इन्फेक्शन – हड्डी के डॉक्टर
- पागलपन, मेनिया, अधिक डिप्रेशन, आत्म हत्या की टेंडेंसी – मानसिक रोग विशेषज्ञ (अन्य बीमारियों के साथ होने वाले डिप्रेशन व घबराहट की बीमारी आदि का इलाज फिज़ीशियन को करना चाहिए.)
- आँख की कोई भी बीमारी – आँखों के डॉक्टर
- दांतों की बीमारी – दांतों के डॉक्टर
- कोई भी न समझ में आने वाली बीमारी व इमरजेंसी – फिज़ीशियन
डॉ शरद अग्रवाल एमडी