प्रश्न : हमारे मरीज को खून की कमी है. डाक्टर ने खून चढाने को बताया है. हमें खून कहाँ से मिल सकता है ?
उत्तर : खून किसी फैक्ट्री में नहीं बनता, न ही किसी मनुष्य को जानरों का खून चढ़ाया जा सकता है. मनुष्य को केवल किसी स्वस्थ मनुष्य का ही खून चढ़ाया जा सकता है. इसके लिए मरीज के मित्र या सम्बंधियों को खून देना होता है. स्वस्थ मनुष्यों का खून भी पूरी जांचें करने के बाद ही चढ़ाया जा सकता है. इसके लिए ब्लड बैंक की स्थापना की गई है. वहां स्वस्थ व्यक्ति रक्त दान करते हैं, जिसे एड्स, मलेरिया एवं पीलिया आदि की जांचें करने के बाद ब्लड बैंक में रख लिया जाता है व उसके बदले में उनके मरीज को जिस ग्रुप के खून की आवश्यकता होती है वह दे दिया जाता है इस प्रकार लोगों को जिस ग्रुप का खून चाहिए वह मिल जाता है.
प्रश्न : पहले तो खून मोल मिल जाता था अब क्यों नहीं मिल सकता ?
उत्तर : स्वस्थ व्यक्ति कभी खून नहीं बेचते. खून केवल वही बेचेगा जिसके पास खाने को न हो. ऐसे ब्यक्ति के खून में हीमोग्लोबिन बहुत कम मात्रा में होता है व बहुत सी बीमारियाँ होने की संभावना होती है. ऐसा खून यदि रोगी को चढ़ा दिया जाय तो वह और अधिक बीमार हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने सख्त आदेश द्वारा इस प्रकार खून बेचने और खरीदने पर प्रतिबन्ध लगा दिया है.
प्रश्न : हमारे यहाँ सब बड़े कमजोर व बीमार हैं. हम खून कैसे दे सकते हैं ?
उत्तर : रक्तदान से पहले प्रत्येक ब्यक्ति की जांच की जाती है. यदि किसी के अन्दर खून की कमी है या उसे कोई बीमारी है तो उसका खून नहीं लिया जाता है. रक्तदान करने या चोट इत्यादि लगने से जो कुछ भी खून हमारे शरीर से निकलता है वह चार पांच दिन में बन के पूरा हो जाता है. स्वस्थ ब्यक्ति को खून देने से कोई हानि नहीं होती. दूसरी ओर जिस को खून की आवश्यकता है उस को खून मिल जाने से उसकी जान बच जाती है.
प्रश्न : रक्तदान करने बाले को कितना खून देना पड़ता है ?
उत्तर : एक यूनिट रक्तदान करने के लिए लगभग 250 मिली रक्त देना होता है. सामान्यत: छोटी मोटी चोट लग जाने पर इतना रक्त बह जाता है. स्त्रियों के मासिक धर्म में भी लगभग इतना या इससे कुछ ही कम रक्त निकल जाता है.
प्रश्न : क्या डायबीटीज या हाई ब्लड प्रेशर का रोगी खून दे सकता है ?
उत्तर : हाँ यदि उसे कोई और परेशानी नहीं है व डायबीटीज या ब्लड प्रेशर कंट्रोल है तो.
प्रश्न : कौन लोग खून नहीं दे सकते ?
उत्तर : सामान्यत: 15 वर्ष से कम व 55 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों का खून नहीं लिया जाता. जिन के अन्दर खून की कमी है या जो कुपोषण से ग्रस्त हैं या किसी भी गंभीर रोग से पीड़ित हैं उनका खून भी नहीं लिया जाता है. यदि किसी को कोई संक्रामक रोग है तो भी वह रक्त नहीं दे सकता. ह्रदय रोगियों को भी सामान्यत: रक्त दान न करने की सलाह दी जाती है. जो लोग देखने में दुबले पतले हैं पर उनके अन्दर खून की कमी या कोई अन्य रोग नहीं है वे रक्तदान कर सकते हैं