सफ़र के दौरान बीमारी ( Sickness during journey )
सफ़र करते समय या घर से दूर कहीं होटल इत्यादि में रहते समय कभी कोई बीमारी हो जाए तो काफी परेशानी हो जाती है. इसके लिए पहले से कुछ तैयारी रखें तो इस परेशानी को कम किया जा सकता है. सफ़र से पहले ही अपने फैमिली डाक्टर से सलाह करके कुछ दवाएं अपने साथ ले जानी चाहिए. बीमार पड़ने पर भरसक प्रयास करना चाहिए कि किसी डाक्टर को दिखा कर ही दवा लें पर यदि तुरंत कोई डाक्टर उप्लब्ध न हो तो डाक्टर के मिलने तक निम्न लिखित प्राथमिक चिकित्सा कर सकते हैं — (इन में से अधिकतर दवाएं OTC , ओवर द काउंटर उपलब्ध हैं)
- कुछ लोगों को सफ़र के दौरान उल्टियां होती हैं (विशेषकर पहाड़ के सफ़र में). इसके लिए सफ़र में भोजन हल्का लें और सफ़र से एक घंटा पहले Tab. Stugil की एक गोली लें व यदि सफ़र लंबा है तो हर छै घंटे बाद एक गोली लेते रहें. यदि किसी को चक्कर आते हों तो भी यही गोली ले सकते हैं. बच्चों के लिए आधी गोली काफी है. किसी अन्य कारण से उल्टियाँ हों तो भी यही गोली ले सकते हैं या Tab. Vomikind MD (Emset) ले सकते हैं.
- जिन लोगों को एसिडिटी की शिकायत हो वे Tab. Zinetac 150 सुबह शाम एवं Ulgel या Digene का सिरप या गोलियाँ ले सकते हैं.
- दस्त होने पर Tab. Rifaximine (Rifagut) 400 दिन में तीन बार लें. एकदम पानी की तरह दस्त हों तो Tab. Ridol (Lopamide) केवल एक गोली ले सकते हैं.
- जिन लोगों को कब्ज़ की शिकायत है वे इसबगोल को पानी में डाल कर लें. अधिक कब्ज़ होने पर Tab. Dulcoflex एक गोली ले सकते हैं.
- बुखार होने पर या बदन दर्द होने पर Tab. Paracetamol 500 की गोली हर चार या छै घंटे बाद ले सकते हैं.
- कहीं भी तेज दर्द होने पर Tab. Ketorol DT पानी में घोल कर लें.
- जुकाम के लिए Tab. Allercet Cold या Cheston cold (1/2 या 1 गोली) दिन में तीन बार ले सकते हैं. सूखी खांसी के लिए कोई भी कफ़ सिरप ( जैसे Benadryl cough syrup, Asthakind DX या lozenges (जैसे Alex आदि) दिन में तीन बार ले सकते हैं.
- स्किन एलर्जी (पित्ती आदि) होने पर Tab. Cetrizine या Levocetrizine ले सकते हैं.
- छोटी मोटी खरोंच लग जाने पर उसे Spirit या आफ़्टर शेव लोशन से साफ़ करें व ऊपर से बैंड एड लगा दें. लोशन उपलब्ध न होने पर साबुन व पानी से धो लें. अगर Dettol liquid इस्तेमाल करें तो उस में साफ़ पानी अवश्य मिला लें.
- जहां तक हो सके मिनरल वाटर का प्रयोग करें. लेने से पहले बोतल की सील चैक कर लें. दूर दराज़ के क्षेत्र में यदि मिनरल वाटर न उपलब्ध हो तो पानी उबाल कर पिएं. यदि वह भी न मिले तो गहरी खुदाई वाले सरकारी हाथ के नल या ट्यूब वैल का पानी पिएं.
- खाना वही खाएं जो ताजा बना हो व एक दम गर्म हो. चटनी, सॉस, सलाद, लस्सी , मिल्क शेक आदि चीजों से बचें. चाट और जूस बिलकुल न लें. आजकल अधिकतर स्थानों पर कीटाणु रहित दूध व दही के पैकेट मिल जाते हैं जिन से इन्फेक्शन का डर नहीं होता. फलों में केला, संतरा, पपीता, खरबूजा, मूंगफली सुरक्षित हैं क्योंकि इनका छिलका उतारने के बाद ये कीटाणु रहित होते हैं. साबुत खाए जाने वाले फलों जैसे अंगूर, जामुन, अमरुद, ककड़ी आदि व गाजर, मूली, बंदगोभी आदि के सलाद से इन्फैक्शन हो सकता है.
जो लोग डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, ह्रदय रोग की नियमित दवाएं खा रहे हैं उन्हें यह दवाएं खाते रहना चाहिए. ऐन्जाइना के मरीजों को Sorbitrate 5 mg की गोली अपने साथ रखनी चाहिए. डायबिटीज के मरीजों के लिए आवश्यक है कि वे सफ़र के दौरान भी अपना भोजन समय से करते रहें. उन्हें अपने साथ थोडा ग्लूकोज भी रखना चाहिए. जिसको शुगर कम होने की दशा में वे ले सकते हैं. यदि वे शुगर नापने वाला ग्लूकोमीटर साथ रखें तो बहुत अच्छा रहता है.
जिन लोगों को सांस की परेशानी है उन्हें अपनी दवाएं व इन्हेलर्स नियमित रूप से लेते रहना चाहिए और अपने डॉक्टर से पूछ कर कुछ अतिरिक्त दवाएं अपने साथ रखना चाहिए जिन्हें परेशानी होने पर लिया जा सके.
कुछ लोगों को घबराहट की बीमारी होती है. सफ़र के दौरान यदि किसी को घबराहट शुरू हो जाय तो इस डर के कारण घबराहट बढती जाती है की यहाँ हमें डाक्टर कैसे मिलेगा. इस प्रकार के मरीजों को अपने डाक्टर से लिखवा कर घबराहट की कोई दवा अपने साथ जरूर रखनी चाहिए. डा. शरद अग्रवाल एम डी