Women Health

गर्भावस्था में दवाएँ ( Drugs during Pregnancy )

        चिकित्सा विज्ञान में हम इस बात का अध्ययन करते हैं कि बीमारियाँ हमारे शरीर पर कैसे असर डालती हैं, दवाएं किस प्रकार काम करती हैं और दवाओं से क्या दुष्प्रभाव (side effects) हो सकते हैं. गर्भावस्था में यदि महिलाओं को कोई बीमारी हो जाए तो इस बात का भी बहुत ध्यान रखना होता है कि उस बीमारी से या उस के इलाज में काम आने वाली दवाओं से गर्भस्थ शिशु (fetus) पर क्या असर होगा. गर्भावस्था के दौरान होने वाले बहुत से इन्फेक्शन गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान पहुँचा सकते हैं (जैसे – Rubella, Cytomegalo virus, Herpes simplex virus, Toxoplasma, Syphilis आदि). बहुत सी कॉमन बीमारियाँ गर्भवती महिला एवं गर्भस्थ शिशु को हानि पहुँचा सकती हैं जैसे – हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, खून की कमी, थाइरॉइड की बीमारी, दमा, हार्ट, गुर्दे व लिवर की बीमारियाँ एवं सभी प्रकार के इन्फेक्शन. इन बीमारियों के इलाज के लिए प्रयोग की जाने वाली कुछ दवाएं भी गर्भस्थ शिशु को हानि पहुँचा सकती हैं.

        कौन सी दवा गर्भावस्था में दी जा सकती है और कौन सी नहीं इसका निर्णय चिकित्सा विज्ञानं में बहुत से अध्ययनों एवं अनुभव के आधार पर किया जाता है. इस आधार पर कुछ दवाओं को एकदम सुरक्षित माना जाता है और कुछ को बिलकुल असुरक्षित. अधिकतर दवाएँ इन के बीच की कैटेगरी में आती हैं अर्थात उन से कुछ प्रतिशत मामलों में नुकसान संभव हो सकता है इसलिए आवश्यक होने पर ही उनका प्रयोग करते हैं एवं सावधानी रखते हैं.

        गर्भावस्था में यदि कोई भी परेशानी हो तो अपनी स्त्री रोग विशेषग्य या फिजीशियन से पूछ कर ही कोई दवा खानी चाहिए. जो दवाएँ बिना डॉक्टर के पर्चे के मिल सकती हैं (OTC, over the counter drugs) उन में से कौन सी दवाएँ गर्भावस्था में ली जा सकती हैं उन की सूची यहाँ दी जा रही है. यह ध्यान रखें कि एक ही दवा बहुत से ब्राण्ड नामों से आती है एवं बिकने वाली बहुत सी दवाओं में एक से अधिक दवाओं का मिश्रण होता है.

सर दर्द शरीर दर्द एवं बुखार के लिए :   Paracetamol & Acetaminophen (पेरासिटामोल, एसिटामिनोफेन) अत्यंत सुरक्षित दवा है. लगाने वाली दर्द निवारक क्रीम व स्प्रे थोड़ी मात्रा में प्रयोग कर सकते हैं. अधिक लगाने से वे खून में पहुँच कर नुकसान कर सकती हैं. एस्पिरिन, कौम्बिफ्लाम, डाइक्लोफिनैक आदि नहीं खानी हैं. तेज दर्द में Tramadol की थोड़ी सी मात्रा कभी कभार ले सकते हैं. शरीर दर्द या जोड़ों के दर्द में सिकाई कर सकते हैं.

एसिडिटी व गैस :  पीने वाली एंटासिड जैल या चूसने वाली गोलियाँ ले सकते हैं. Sucralfate syrup भी ले सकते हैं. Ranitidine या Famotidine की गोली ले सकते हैं. अधिक एसिडिटी में डॉ. से सलाह ले कर Omeprazole आदि ले सकते हैं. जो चीजें एसिड को बढ़ाती हैं उन का परहेज़ आवश्यक है. 

उल्टी एवं जी मिचलाना :   यदि एसिड बनता हो तो उस की दवाएँ एवं परहेज़ आवश्यक हैं. दवाओं में Doxylamine सब से सुरक्षित है. अधिक उलटी होने पर Metoclopramide (छह महीने की गर्भवस्था तक) व Ondasetron ले सकते हैं. खाना थोड़ा थोड़ा और बार बार खाएँ और खाने के साथ पानी कम पिएँ. विटामिन B6 लेने से भी उल्टियाँ कम हो सकती हैं.

एलर्जी (allergy) के लिए :  Cetrizine, Loratidine एवं Montelukast का प्रयोग कर सकते हैं.

जुकाम : विक्स का भपारा ले सकते हैं, एलर्जी की उपरोक्त दवा ले सकते हैं. शरीर दर्द व बुखार के लिए Paracetamol 500mg की गोली ले सकते हैं. बहुत अधिक नाक बहने या बंद होने पर Pseudoephedrine ले सकते हैं (पहली तिमाही के बाद). नाक में Saline nasal drops डाल सकते हैं.

खांसी :  सादे पानी का भपारा ले सकते हैं. Benadryl cough syrup या Dextromethorphan, Cetrizine एवं Guaifenesin युक्त सिरप ले सकते हैं. यदि खांसी के साथ साँस फूलती हो या पीला बलगम आता हो तो डॉक्टर को अवश्य दिखा लें.

दस्त :  यदि खान पान की गड़बड़ी से एकाध दस्त हो जाए तो केवल ORS का घोल या नमक चीनी का घोल लें. अधिक दस्त हों तो Loperamide केवल एक गोली ले सकते हैं. यदि दस्त के साथ पेट दर्द, ऐंठन, बुखार, आंव, खून आदि की शिकायत हो तो डाक्टर को दिखा कर ही दवा लेनी चाहिए. 

कब्ज़ :  गर्भावस्था में कब्ज़ की शिकायत अक्सर हो जाती है. इससे बचने के लिए फल, हरी सब्जियाँ व दूध अधिक मात्रा में लेना चाहिए. कब्ज़ होने पर दूध में मुनक्का उबाल कर ले सकते हैं या पानी में इसबगोल डाल कर ले सकते हैं. अधिक कब्ज़ होने पर Bisacodyl (Dulcoflex) या Propylene glycol कभी कभार ले सकते हैं. Castor oil नहीं लेना चाहिए. यह ध्यान रखना चाहिए कि आयरन व कैल्शियम लेने से भी कब्ज़ हो सकता है. थाइरॉइड की कमी से भी कब्ज़ हो सकता है इसलिए उसकी जाँच करा लेने चाहिए.

हाथों को सैनिटाइज़ करने के लिए :  Hand Sanitizers प्रयोग कर सकते हैं.

चोट इत्यादि में लगाने के लिए क्रीम :   Neosporin व Soframycin cream आदि लगा सकते हैं.

फंगल इन्फेक्शन के लिए :  Terbinafine cream लगा सकते हैं. अन्य antifungal creams कम मात्रा में और कम समय के लिए प्रयोग कर सकते हैं. बहुत अधिक परेशानी होने पर Fluconazole 150mg की केवल एक गोली ले सकते हैं.

        उपरोक्त OTC दवाएँ भी सौ प्रतिशत सुरक्षित नहीं मानी जातीं इसलिए इनको डॉक्टर की सलाह ले कर लेना ही ठीक रहता है. इन के अलावा अन्य सभी दवाएँ डॉक्टर के पर्चे से ही मिल सकती हैं. भूल से कभी कोई गलत दवा न पहुँच जाए इस के लिए कुछ प्रमुख बीमारियों में प्रयोग होने वाली दवाओं के नाम यहाँ पर दिए जा रहे हैं. कोई भी दवा देने से पहले डॉक्टर यह अवश्य देखते हैं कि बीमारी से कितना खतरा है और दवा से नुकसान की कितनी संभावना है. कुछ दवाएं पहली तिमाही (trimester) में अधिक हानि पहुंचा सकती हैं जबकि कुछ दवाएं तीसरी तिमाही में अधिक हानि पहुंचा सकती हैं.

एंटीबायोटिक्स में Penicillin group, Cephalosporins एवं Erythromycin stearate सुरक्षित हैं. Gentamicin एवं Tetracycline group की दवाएँ व Sulpha drugs मना हैं. अन्य एंटीबायोटिक्स का प्रयोग गर्भावस्था की स्टेज और इन्फेक्शन की गंभीरता को देख कर किया जाता है.

टीबी और कुष्ठ रोग की दवाएँ नुकसान पहुँचा सकती हैं लेकिन उनको देना आवश्यक होता है इसलिए उनको नहीं रोकते हैं, विशेष परिस्थितियों में दवा में कुछ बदलाव कर सकते हैं. Streptomycin के इंजेक्शन नहीं लगाते हैं.

डायबिटीज़ की दवाएं :  डायबिटीज़ चाहे पहले से हो या गर्भावस्था में पहली बार हुई हो, उसके इलाज में परहेज एवं व्यायाम के अलावा खाने की केवल एक दवा Metformin ले सकते हैं. इस से शुगर कंट्रोल न होने पर इन्सुलिन के इंजेक्शन लगाने होते हैं.

ब्लडप्रेशर की दवाएं : ब्लडप्रेशर की चार दवाएं गर्भावस्था में सुरक्षित मानी जाती हैं – Labetolol, Methyldopa, Nifedipine एवं Hydralazine. जो महिलाएं पहले से ब्लडप्रेशर की दवाएँ ले रही होती हैं उन को भी बदल कर यही दवाएँ लेनी होती हैं. Ramipril एवं Enalapril जैसी Ace inhibitors group की दवाएँ और Losartan एवं Telmisartan जैसी ARB group की दवाएँ गर्भावस्था में लेना मना है. नमक का परहेज़ भी आवश्यक होता है.

हृदय रोग की दवाएँ :  महिलाओं में मीनोपॉज के पहले चर्बी जमने (atherosclerosis) से होने वाली हृदय की बीमारी (coronary artery disease) बहुत कम होती है इस लिए गर्भावस्था में उसके होने की संभावना नहीं के बराबर है.  यदि हो तो उसके लिए Aspirin बहुत कम डोज़ (50 – 75mg रोज) या Clopidogrel ले सकते हैं. हृदय की कुछ अन्य बीमारियों में प्रयोग की जाने वाली Beta blockers, Digoxin, Nitroglycerine, Diuretic आदि दवाएँ अत्यधिक आवश्यक होने पर सावधानी पूर्वक दी जा सकती हैं. हृदय रोगियों को आमतौर पर दी जाने वाली कोलेस्ट्रोल कम करने वाली Statin group की दवाएँ एक दम मना हैं.

मिरगी की दवाएँ :  मिरगी की कोई भी दवा गर्भावस्था में पूर्णतया सुरक्षित नहीं है, लेकिन उनको देना आवश्यक होता है. Valproate को जहाँ तक हो प्रयोग नहीं करना चाहिए.

गठिया (rheumatoid arthritis) की दवाएँ :  रूमैटॉइड आर्थराइटिस की मुख्य दवाएँ Methotrexate एवं Leflunomide गर्भावस्था में एकदम मना हैं. Salazopyrine एवं HCQS ले सकते हैं.

घबराहट, डिप्रेशन एवं नींद की दवाएँ :  इस प्रकार की दवाएँ बहुत मजबूरी में ही दी जाती हैं एवं कम से कम डोज़ में दी जाती हैं.

थाइरॉइड की दवाएँ :   गर्भावस्था में यदि थाइरॉइड हॉर्मोन की कमी (hypothyroidism) हो तो गर्भपात का डर होता है और शिशु की बढ़वार कम हो जाती है. जो महिलाएँ थाइरॉइड हॉर्मोन ले रही होती हैं उन्हें उसे लेते रहना चाहिए. थाइरॉइड का टैस्ट हर तिमाही में करा कर डोज़ को एडजस्ट करना होता है. यदि थाइरॉइड हॉर्मोन की अधिकता (hyperthyroidism) की शिकायत हो तो उसके लिए Propylthiouracil दवा का प्रयोग करना होता है.

आयरन, कैल्शियम, विटामिन्स :  गर्भावस्था में सभी पोषक तत्वों की आवश्यकता बढ़ जाती है. विटामिन डी एवं विटामिन ए अधिक मात्रा में लेने से नुकसान हो सकता है. आयरन से किसी किसी को दस्त या कब्ज़ हो सकता है.  

       अलग अलग बीमारियों में प्रयोग होने वाली कुछ कॉमन दवाएं जिन्हें गर्भावस्था में नहीं लेना चाहिए वे इस प्रकार हैं. विशेषकर पहली तिमाही में कोई भी दवा देने में अत्यधिक सावधानी रखना होती है, क्योंकि इस समय शिशु के विभिन्न अंगों का निर्माण (organogenesis) होता है –

  1. कोलेस्ट्रोल कम करने वाली Statin group की दवाएँ
  2. ब्लड प्रेशर और हार्ट की दवाओं में Ramipril एवं Enalapril जैसी Ace inhibitors group की दवाएँ और Losartan एवं Telmisartan जैसी ARB group की दवाएँ
  3. Gentamicin एवं Tetracycline group की दवाएँ. Metronidazole पहली तिमाही में व Nitrofuratoin और Sulpha drugs तीसरी तिमाही में.
  4. हाइपरथाइरॉइड की दवा Carbimazole (पहली तिमाही में)
  5. दर्द निवारक दवाएँ जैसे एस्पिरिन, कौम्बिफ्लाम, डाइक्लोफिनैक आदि (विशेषकर तीसरी तिमाही में)
  6. मुहांसों की दवा Isotretinoin बिलकुल मना है.
  7. हॉर्मोन सम्बन्धी दवाएँ Testosterone, Estrogen, Tamoxifene, Finastride, Danazol आदि.
  8. खून जमना रोकने वाली दवाएँ Warfarin एवं Acitrom.
  9. माइग्रेन की दवा Ergotamine.
  10. Diazepam ग्रुप की नींद की दवाएँ.
  11. रूमैटॉइड आर्थराइटिस की दवाएँ Methotrexate एवं Leflunomide.
  12. कैंसर की अधिकतर दवाएँ.
  13. मिरगी की दवाएँ Phenobarbitone एवं Valproate.

     इनके अतिरिक्त बहुत सी दवाएँ ऐसी हैं जिन पर अभी पर्याप्त अध्ययन नहीं हुआ है इसलिए उनको भी गर्भावस्था में प्रयोग नहीं करते हैं.

महिलाओं के अलावा पुरुषों द्वारा सेवन की जाने वाली कुछ दवाएं भी संतान पर हानिकारक प्रभाव डाल सकती हैं. इन में कैंसर की दवाएं मुख्य हैं. पुरुष द्वारा शराब एवं सिगरेट का सेवन करने से भी शिशु में जन्मजात हृदय रोग (congenital heart defects) अधिक होने का डर होता है.

डॉ. शरद अग्रवाल  एम डी

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