प्रश्न : हमको बार बार पेशाब में जलन की बीमारी हो जाती है. पेशाब जलन के साथ, थोड़ी थोड़ी व बार बार आती है. दवा करने पर यह परेशानी ठीक हो जाती है पर जल्दी ही दोबारा हो जाती है. इसके लिए हमें क्या करना चाहिए.
उत्तर : पेशाब में जलन आम तौर पर मूत्राशय (Urinary Bladder) या गुर्दे (Kidney) के इन्फैक्शन के कारण होती है. पुरषों की अपेक्षा महिलाओं में यह इन्फैक्शन बहुत अधिक होते हैं. महिलाओं में मूत्राशय से बाहर खुलने वाला मूत्र मार्ग (पेशाब का रास्ता, Urethra) बहुत छोटा होता है व बिलकुल उसके नीचे योनि मार्ग (Vagina) होता है. योनि मार्ग के अन्दर व उसके आस पास बहुत से कीटाणु (Bacteria) सामान्य रूप से पाय जाते हैं. इन कीटाणुओं के पेशाब की नली से होकर मूत्राशय में पहुँचने की काफी संभावना होती है. थोड़े भी कीटाणु अगर वहाँ पहुँच जाएँ तो वे मल्टीप्लाई कर के इन्फैक्शन पैदा कर देते हैं. फिर वे मूत्राशय से गुर्दों में पहुँच कर गुर्दों का इन्फैक्शन कर सकते हैं जोकि खतरनाक होता है.
बार बार इन्फैक्शन से बचने के लिए महिलाओं को चाहिए कि अपने जननागों की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें. रोज नहाते समय हल्का साबुन लगा कर सफाई कर सकती हैं. नहाने के बाद डॉक्टर द्वारा बताई गई थोडी सी कीटाणु नाशक क्रीम लगा सकती हैं. डेटाल व सेवलान न लगाएं. जननागों के बालों को छोटा रखना चाहिए अन्यथा उसमें भी कीटाणु बढ़ते हैं.
यदि गुर्दे से लेकर मूत्र मार्ग तक कहीं भी रुकावट हो तो भी इन्फैक्शन बार बार होने की संभावना होती है. महिलाओं में रुकावट के मुख्य कारण हैं गुर्दे, युरेटर या मूत्राशय में पथरी, ट्यूमर, टी बी इत्यादि. गर्भावस्था में युटेरस द्वारा गुर्दे से निकलने वाली युरेटर नाम की नलियों पर दबाब पड़ने के कारण भी बार बार इन्फैक्शन हो सकता है. आँतों में पाये जाने वाले छोटे कीड़े (चुन्ने, enterobius) जननागों के पास खुजली पैदा कर सकते हैं. बार बार खुजलाने से भी पेशाब की नली में कीटाणु पहुँच सकते हैं.
महिलाओं में कभी कभी कुछ अन्य कारणों से भी बार बार पेशाब में जलन होती है. इनमें गर्भाशय ग्रीवा (cervix, सर्विक्स) या योनिद्वार (vagina) के इन्फैक्शन (फंगल व ट्राइकोमोनियल ) मुख्य हैं.
पुरषों में पेशाब के इन्फैक्शन बार बार तभी होते हैं जब मूत्र मार्ग में कोई रुकावट हो. इसके मुख्य कारण हैं पथरी, प्रोस्टेट का बढना, मूत्र मार्ग का सिकुड़ जाना (stricture urethra), ट्यूमर, टी बी, इत्यादि. पेशाब की नली की आगे की खाल (prepuce) में सिकुडन होने से भी बार बार इन्फैक्शन हो सकते हैं. बच्चों में कई बार यह परेशानी देखने को मिलती है. वयस्क लोगों में कभी कभी डायबिटीज के मरीजों में इस खाल में फंगल इन्फैक्शन होने से खाल सिकुड़ जाती है. बच्चों और बड़ों सभी में नहाते समय रोज खाल पीछे करके अन्दर सफाई करना आवश्यक है.
पेशाब में बार बार इन्फैक्शन होने से अन्दर ही अन्दर गुर्दे खराब हो सकते हैं. जिसका कोई इलाज संभव नहीं है. अत: इसका विधिवत व पूर्ण उपचार कराना चाहिए. जिन लोगों को पेशाब में बार बार इन्फैक्शन होता है उन्हें पानी अधिक पीना चाहिए.
हाल के दिनों में एंटीबायोटिक्स के अत्यधिक प्रयोग और गलत प्रयोग के कारण बहुत से कीटाणु रेसिस्टेंट हो गए हैं अर्थात वे अब उन एंटीबायोटिक्स से नहीं मरते जिन से पहले मर जाया करते थे. यह एक बहुत गम्भीर विषय है. शरीर में किसी भी इन्फेक्शन का इलाज योग्य डॉक्टर्स द्वारा विधिवत जांच करा के ही करवाना चाहिए और एंटीबायोटिक्स का कोर्स पूरा अवश्य करना चाहिए.
डॉ शरद अग्रवाल एम डी